NBFC Kya Hai in Hindi ? Non Banking Financial Company 

एनबीएफसी (NBFC) यह नाम तो अपने सुना ही होगा और इसे जानते -जानते आप इस आर्टिकल को पढने भी आ गये है . दोस्तों एनबीएफसी (NBFC) क्या है और यह क्या काम करती है ? ऐसी सवालों का जवाब इसके नाम में ही छिपा हुआ है . 

what is nbfc in hindi

NBFC की फुल फॉर्म : 

NBFC की Full Form Non Banking Financial Company है यानी की यह बैंक नही है फिर भी बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़े बहुत से काम करती है . जैसे की आपके पैसे जमा करके ब्याज देना , किसी को लोन प्रोवाइड करवाना आदि .  

हिंदी में  NBFC को गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनी के नाम से जाना जाता है .  देश के बैंक जैसे अर्थव्यवस्था में अपना अमूल्य योगदान देते है वैसे ही NBFC का भी इंडिया की इकोनोमिक्स  में अपना विशेष  रोल होता है .  चुकी यह बैंक की तरह ही अपना काम करते है इसलिए इनका दूसरा नाम शेडो बैंक भी है .

RBI एक्ट Section 451(c) के अनुसार गैर बैंकिंग कंपनी  जो फाइनेंसियल इन्स्तुटीशन के कार्य करती है NBFC  (Non Banking Financial Company) कहलाती है .  इसे  Companies Act, 1956 के अंतर्गत RBI या उसकी सहायक इकाई  के अधीन रजिस्टर होना पड़ता है , 

भारत के 10 प्रसिद्ध NBFCs के नाम (Non Banking Financial Company in India) 

इनमे से बहुतो के नाम आपने सुन रखे होंगे जो फाइनेंस मार्केट में बहुत सक्रिय और नामी है . 

- Power Finance Corporation Limited.

- Shriram Transport Finance Company Limited.

 -Tata Capital Financial Services Limited.

- Bajaj Finance Limited.

- HDB Finance Services.

- Cholamandalam.

- Mahindra & Mahindra Financial Services Limited.

- Muthoot Finance Limited.

- L & T Finance Limited.

- Aditya Birla Finance Ltd.

NBFC से कैसे देश की अर्थव्यवस्था बढती है

जहा लोगो को बैंक से लोन नही मिल पाता तब वे NBFC की तरफ रुख करते है , हाहलाकि यहा थोड़ी ज्यादा ब्याज दर जरुर देनी पड़ती है पर उन्हें जरुरी रुपए मिल जाते है . इससे यह पैसा फिर से Rotate होकर घर बनाने या कार खरीदने या एजुकेशन फीस के रूप में काम आता है और देश की अर्थव्यवस्था बढती है . 

- बहुत सारे NBFC( एनबीएफसी ) आने से लोगो को रोजगार मिलता है . 

- NBFC के होने से Foreign Exchange में अवसर बढ़ते है . 

- अच्छी ब्याज दर देने के कारण बहुत सारे लोग यहा अपना पैसा निवेश करते है और फिर यही पैसा NBFC इन्वेस्ट करता है . 

- NBFC शेयर मार्केट (Share Market ) भी सक्रीय रहती है और सोच समझ कर स्टॉक खरीदती है . 

NBFC पर नियमन करने का काम 

1960 के समय में भारत में बहुत सारी NBFC ने अपनी मनमानी करके बहुत लोगो का पैसा लुटा था , इसके बाद 1963 में  रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने NBFC( एनबीएफसी ) पर नियामक का रोल निभाना शुरू कर दिया . इसके बाद किसे NBFC( एनबीएफसी ) में पंजीकरण करना है , किसे हटाना है , निवेशको के हितो की रक्षा के लिए कई नियम बनाये जिसे NBFC( एनबीएफसी ) को पालन करने थे . 

जबकि बीमा के क्षेत्र में काम करने वाली NBFC का नियमन इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आइआरडीए) करता है।

बैंक और एनबीएफसी में अंतर 

दोस्तों यह हमने पहले भी बताया था कि एनबीएफसी बैंक की तरह ही वित्तरीय  काम करती है पर फिर भी इसमे और बैंकिंग सिस्टम में काफी फर्क है . वो क्या है , चलिए जानते है . 

-  एनबीएफसी चेक नही लेती ना ही ही चेक बुक इशू कर सकती है . 

- बैंको में जो पैसा जमा होता है उसका बीमा डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट कॉरपोरेशन  करता है , जबकि  एनबीएफसी में जमा पैसे का कोई बीमा नही होता है . 

- एनबीएफसी डिमांड डिपाजिट नही ले सकती जबकि बैंक डिमांड डिपाजिट स्वीकार कर सकते है . 

NBFC के प्रकार 

NBFC( एनबीएफसी ) का अपना बहुत बड़ा भाग है और इसी कारण इसके बहुत से प्रकार है . 

Housing Finance Company : इस तरह की एनबीएफसी आपको घर बनाने और घर में बदलाव के लिए फण्ड देने का काम करती है जिसे हम होम लोन के नाम से जानते है . 

Asset Finance Company : ये कंपनियां आपको आपकी सम्पति (Assets ) से जुड़ी लोन मुहैया करवाने में सहायता करती है  . 

Infrastructure Finance Company : ये गैर वित्तरीय संस्थान आपको इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कार्यों के लिए लोन प्रदान करती है। 

Investment Company- ये कंपनिया आपको निवेश की सुविधा प्रदान करती है . 

Micro Finance Company- ये संस्थाने छोटे मोटे लोन देने का कार्य करती  है .

Mortgage Finance Company - यहा घर या प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लोन दिया जाता है . 

NBFC लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जरुरी बाते 

किसी कंपनी को NBFC( एनबीएफसी ) लाइसेंस तभी मिल सकता है जब वे निम्न बातो पर खरी उतरती है . 

-  सबसे पहले तो इस कंपनी को Companies Act, 1956 के अंतर्गत Register होना होगा . 

- इस कंपनी को या तो लिमिटेड कंपनी या फिर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में पहचान होनी चाहिए . 

- इस कंपनी का मिनिमम फण्ड 2 करोड़ रुपए का होना चाहिए . 

- कंपनी का खुद का CIBIL Score बहुत अच्छा होना चाहिए . 

Conclusion 

तो आपने क्या जाना ..........यहा आपने जाना कि गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनी यानी की NBFC क्या होती है और भारतीय वित्त बाजार में यह कितना अहम रोल अदा करती है . NBFC ( Non Banking Financial Company) के प्रकार कौन कौन से है और किसी कंपनी को NBFC( एनबीएफसी ) लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कौनसी बातो का पालन करना पड़ता है . 

आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी . यदि फिर भी आपके कोई सवाल रह जाते है तो आप कमेंट करके हमें पूछ सकते है . 



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